खरीद-फरोख्त



दिलों को बाज़ारों में बिकते देखा,
अमूल्य का मूल्य लगते देखा,
लोगों को दिल का स्वाद चकते देखा,
फ़िर और कोई नया दिल ढूँढ़ते देखा,
इस खरीद-फरोख्त में हमने भी समझा
कि काश अपना दिल अपने पास ही रखा होता |





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