पानी की एक बूँद

"मैं तुम्हे जानता नहीं,
तुम मुझे पहचानते नहीं,
तो भविष्य में रहने वाली,
तुम्हारे लिए ये कविता ही सही |"


काश मैं पानी होता,
इस गर्मी में भाप बन जाता,
जब होती बारिश, सनम,
बूँद बन कर तुझसे मैं मिल पाता,

काश मैं पानी होता,
इस गर्मी में भाप बन जाता,
तेरा पसीने के ज़रिये, सनम,
बादलों में मैं तुझसे मिल पाता,

काश मैं पानी होता,
इस गर्मी में भाप बन जाता,
70 प्रतिशत पानी है मुझ में, सनम,
इक आस तुमसे मिलने की दिल में मैं छुपाता |

Comments